हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा 30 किलोमीटर दूर ज्वाला देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। ज्वाला मंदिर को जोता वाली मां का मंदिर और नगरकोट भी कहा जाता है। यह मंदिर माता के अन्य मंदिरों की तुलना में अनोखा है क्योंकि यहां पर किसी मूर्ति की पूजा नहीं होती है बल्कि पृथ्वी के गर्भ से निकल रही नौ ज्वालाओं की पूजा होती है।
मां भगवती के 51 शक्तिपीठों में से एक ज्वालामुखी मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर जोता वाली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस स्थान पर माता सती की जीभ गिरी थी। यहां माता ज्वाला के रूप में विराजमान हैं और भगवान शिव यहां उन्मत भैरव के रूप में स्थित हैं। इस मदिर का चमत्कार यह है कि यहां कोई मूर्ति नहीं है बल्कि पृथ्वी के गर्भ से निकल रहीं 9 ज्वालों की पूजा की जाती है। आजतक इसका कोई रहस्य नहीं जान पाया है कि आखिर यह ज्वाला यहां से कैसे निकल रही है। कई भू-वैज्ञानिक ने कई किमी की खुदाई करने के बाद भी यह पता नहीं लगा सके कि यह प्राकृतिक गैस कहां से निकल रही है। साथ ही आजतक कोई भी इस ज्वाला को बुझा भी नहीं पाया है। आइए जानते हैं ज्वाला देवी की ज्वाला का रहस्य क्या है, इसके पीछे धार्मिक या वैज्ञानिक मन्यताएं क्या हैं…
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